जिले

Chandauli news : चकिया BDO रहे रविन्द्र प्रताप यादव और दो सेक्रेटरी समेत 7 खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज

Chandauli news : चकिया में बीडीओ रहे रविन्द्र प्रताप यादव व 2 ग्राम पंचायत अधिकारी समेत 7 लोगों के खिलाफ फर्जीवाड़ा समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. कोर्ट के आदेश पर इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पूरा जमीन कुटुंब रजिस्टर में गलत तरीक़े से नाम दर्ज कर संपत्ति के वारिश बनने से जुड़ा है. बीडीओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने से प्रशासनिक महकमें में हड़कंप मचा है.

तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी रविन्द्र प्रताप यादव

विदित हो कि सीजेएम कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत उमेश कुमार की प्रार्थना पत्र दाखिल कर बताया कि प्रार्थी व उसकी बहन काजल स्व सत्येंद्र कुमार के पुत्र व पुत्री है. उनकी समस्त चल व अचल सम्पत्ति के नैसर्गिक व विधिक वारिस व उत्तराधिकारी है. प्रार्थी व प्रार्थी की बहन काजल की नाबालिग अवस्था मे ही पिता सतेन्द्र की मृत्यु हो गयी. जिसके बाद प्रार्थी के दादा रामदेव बहैसियत वली प्रार्थी के पिता के मृत्यु के पश्चात् प्रार्थी के नाम की जमीन काबिज रहकर कृषि कार्य करते रहे. 

लेकिन गामा ने साजिसन खण्ड विकास अधिकारी रविन्द्र प्रताप सिंह, ग्राम विकास अधिकारी श्रीचन्द, ग्राम विकास अधिकारी अश्विनी कुमार गौतम के साथ मिलकर कूट रचना करके व करा कर प्रार्थी के पिता स्व सतेन्द्र कुमार का विधिक वारिस बनकर विकास खण्ड चकिया के परिवार रजिस्टर के पृष्ठ सं0 120 मकान नं0 132 / अ पर प्रार्थी व प्रार्थी की बहन काजल का नाम कटवा कर रामनिवास दत्तक पुत्र स्व0 रामकेश करा दिया.

इसके अलावा उसी कूट रचित कागजात के आधार पर प्रार्थी के पिता स्व सतेन्द्र की सम्पत्ति पर अभियुक्त गामा अपने मेली मददगार, मुसई व केदार के जरिये अपने बेटे रामनिवास का नाम दर्ज कागजात खतौनी करा लिया. जिसकी जानकारी होने पर प्रार्थी के संरक्षक रामदेव द्वारा राजस्व न्यायालय तहसीलदार चकिया के न्यायालय में नामान्तरण आदेश के विरुद्ध रेस्टोरेशन प्रार्थना पत्र दाखिल किया है,जो विचाराधीन है.

ग्राम पंचायत अधिकारी श्री चंद

प्रशासनिक लापरवाही का आलम यह रहा कि इस फर्जीवाड़े की जानकारी के बाद प्रार्थी द्वारा खण्ड विकास अधिकारी चकिया से अपने व अपने बहन काजल व अपने पिता सतेन्द्र कुमार के परिवार रजिस्टर की सत्य प्रतिलिपि मांगी गई. जिस पर खंड विकास अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी बार बार टाल मटोल व हिला हवाली करते हैं. तथा परिवार रजिस्टर की सत्य प्रतिलिपि देने से गुरेज करते है. बाद में कड़ी मशक्कत के बाद जन सूचना अधिनियम अधिकार 2005 के तहत मांगने पर इसका खुलासा हुआ.

ग्राम पंचायत अधिकारी अश्वनी गौतम

यही नहीं इस प्रकरण के बाबत उच्च अधिकारी को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये जाने से नाराज होकरअपने मुकदमें की पैरवी करने के लिए चकिया आ रहे उमेश कुमार को छेड़कर मां बहन को भद्दी भद्दी गालियां देते हुए अभियुक्त अश्वनी गौतम, रविन्द्र प्रताप सिंह व रामनिवास ने मारपीट व गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी भी दिए. 

इस पूरे प्रकरण को ध्यान में रखते हुए सीजेएम कोर्ट ने तत्कालीन खंड विकास अधिकारी रविन्द्र प्रताप यादव, ग्राम विकास अधिकारी श्रीचन्द, ग्राम विकास अधिकारी अश्विनी कुमार गौतम के अलावा मुजफ्फरपुर निवासी रामनिवास पुत्र गामा, गामा पुत्र शिवधनी, और शिकारगंज गांव निवासी मुसई पुत्र मिठाई, केदार पुत्र सीता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने के बाबत चकिया पुलिस को आदेश दिया है.

इस बाबत चकिया इंस्पेक्टर मिथिलेश तिवारी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर 156 (3) तहत खंड विकास अधिकारी रविन्द्र प्रताप यादव, दो ग्राम पंचायत अधिकारी समेत 7 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420,467,468,471, 323, 504,506, 392 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. विवेचना प्रचलित है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Call Now Button
× How can I help you?