Chandauli news : डग्गामार वाहनों से ढोए जा रहे बच्चे,परिवहन विभाग कर रहा चालान, शिक्षा विभाग मौन
चन्दौली : शहाबगंज थाना क्षेत्र के बड़ौरा गाँव स्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. जगरनाथ शाहू नाम के निजी विद्यालय के अनफिट वाहनों बच्चों की जान से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे है. जबकि परिवहन विभाग 3 बार चालान कर चुका है. लेकिन बावजूद स्कूल प्रबंधन मनमानी में बाज नहीं आ रहा है.
दरअसल बड़ौरा गाँव में स्थित जगरनाथ शाहू विद्यालय में चल रहे डग्गामार वाहनों की किसी ब्यक्ति के द्वारा परिवहन विभाग में शिकायत की गई थी. शिकायत का संज्ञान लेते हुए दिनांक 12 जुलाई को एआरटीओ परिवहन पूरे दलबल के साथ विद्यालय आ धमके. एआरटीओ द्वारा जब दोनों वाहनों को चेक किया गया तो दोनों ही गाड़ियों का इंश्योरेंस व फिटनेस कई वर्षों से फेल मिला. जिसपर एआरटीओ ने स्कूल प्रबंधक पर नाराजगी जाहिर करते हुए एआरटीओ परिवहन के द्वारा दोनों वाहनों का तत्काल चालान किया गया.
गाड़ी नम्बर BR 11 M 5166 मैजिक वाहन पर 42610 रुपये तो वही कॉन्वेंट विद्यालय की दूसरी मैजिक गाड़ी नम्बर UP 64 T 0830 पर 28000 रुपये का चालान काटा. वही चालान काटने के साथ ही एआरटीओ ने दोनों गाड़ियों को जप्त कर एआरटीओ यार्ड में रखवा दिया था. जिसके बाद विद्यालय प्रबंधक के द्वारा मैजिक गाड़ी का चालान जमा कर छुड़ा लिया गया. लेकिन प्रबंधक के द्वारा न तो गाडी का इन्श्योरेंस बनवाया गया और ना ही पोल्यूशन, सीसीटीवी, जीपीएस जैसे मानकों को पूरा किया गया. धडल्ले से अनफिट वाहन से ही बच्चों का आवागमन किया जा रहा था. जिसके बाद परिवहन विभाग के द्वारा विद्यालय की मैजिक वाहन को पकड़कर 34000 रुपये का दोबारा चालान काटा गया है.
लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इन बातों से कोई लेना देना है. ये हाल तब है जब विद्यालय में चल रहे अनफिट वाहनों के बारे में खण्ड शिक्षा अधिकारी अजय कुमार से लिखित शिकायत भी की गई थी. जबकि डीएम चन्दौली द्वारा बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक व बेसिक शिक्षा अधिकारी को सख्त आदेश दिया गया था कि अगर किसी भी निजी विद्यालय में अनफिट वाहनों से बच्चों का आवागमन करते हुए पाया जाता है तो उस विद्यालय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाय. जरूरी हो तो मान्यता भी रद्द की जाए. लेकिन शिक्षा विभाग जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है. ऐसे में आने वाले दिनों में किसी बड़ी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता.