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महिला किसी भी तरह उत्पीड़न से पीड़ित है तो उनको निःशुल्क न्याय मिलेगा -ज्ञान प्रकाश शुक्ल

चन्दौली

मगंलवार को माननीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष विधिक सेवा प्राधिकरण चन्दौली श्री सुनील कुमार चतुर्थ के निर्देशानुसार सदर विकास खण्ड जनपद चन्दौली में अपरान्ह 12.30 बजे से विधान से समाधान कार्यक्रम के अर्न्तर्गत ब्लाक स्तर पर महिलाओं के हितार्थ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन श्रीमान सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण / अपर जनपद न्यायाधीश श्री ज्ञान प्रकाश शुक्ल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन जिला प्रोबेशन
अधिकारी श्री प्रभात कुमार के द्वारा किया गया। जिसमें रिसोर्स परसन के रूप में महिला कल्याण अधिकारी सुश्री दीक्षा अग्रहरि, पैनल अधिवक्ता श्री रितिक रोशन सिंह, बाल शक्ति स्वयं सहायता समूह भटौली, जय मां विन्ध्यवासिनी स्वयं सहायता समूह नवही, संत आजिविका महिला स्वयं सहायता समूह जसुरी, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री एवं आशा बहुएं उपस्थित रही।

सर्वप्रथम जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार द्वारा सभागार में उपस्थित सथी महिलाओं को महिला संबंधित राज्य, केन्द्र व नालसा द्वारा चलाई जा रही
लाभकारी योजनाओं को बताया। उन्होंने बाल विवाह पर अपने विचार प्रस्तुत किये। जिसमें उन्होने बताया कि सरकार की यह मंशा है कि जनपद के प्रत्येक गांव में बाल विवाह जैसी समस्या का समाधान किया जाय और हर गांव के बाहर बैनर पर यह लिखा जाय कि यह गांव बाल विवाह मुक्त है। खण्ड विकास अधिकारी डा० रक्षिता सिंह के द्वारा चलाई जा रही विभागीय योजनाओं पर प्रकाश डाला गया उनके द्वारा सामूहिक विवाह पर चर्चा की गयी जिसमें उन्होंने बताया कि सामूहिक विवाह के लिए समाज कल्याण विभाग से आवेदन किया जाता
है। आवेदन की जांच के पश्चात लाभार्थी को खाते में विभाग द्वारा निर्धारित राशि भेजी जाती है।
पैनल अधिवक्ता रितिक रोशन सिंह ने अपना विचार को व्यक्त करते हुए इस लाईन को महिलाओ को सुनाया न्याय चला निर्धन के द्वार के उदेश्य से कार्य होगा।

साथ पैनल अधिवक्ता ने महिलाओं के कानूनी अधिकार के बारे में विस्तृत रूप से बताया कि समान वेतन का अधिकार में पारिश्रमिक अधिनियम के अनुसार वेतन या मजदूरी को लिंग के आधार पर किसी के साथ भी भेद भाव नही किया जा सकता, काम पर हुए उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार काम पर हुए यौन उत्पीड़न अधिनियम के अनुसार आपको यौन उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का पूरा अधिकार है, नाम न छापने का अधिकार यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को नाम न छापने देने का अधिकार है, अपनी गोपनीयता की रक्षा करने के लिए यौन उत्पीड़न की शिकार हुई महिला अकेले अपना बयान किसी महिला पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में या फिर जिलाधिकारी के सामने दर्ज करा सकती है।

पूर्णकालिक सचिव श्री ज्ञान प्रकाश शुक्ल द्वारा सदर खण्ड विकास सभागार चन्दौली में उपस्थित सभी समूह की महिलाओं को घरेलू हिंसा अधिनियम, गुजारा भत्ता की मांग कानून एवं 09.12.2023 के राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में बताया। सचिव महोदय ने बताया कि जो महिला किसी भी तरह की हिंसा, विधवा पेंशन व उत्पीड़न आदि की समस्या से पीड़ित है, उनको निःशुल्क न्यायिक प्रक्रिया से न्याय मिलेगा। साथ ही उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में लगने वाले वादों के बारे में भी जानकरी दी। उन्होने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक 09.12.2023 मे निम्न लिखित वादों मोटर दुर्घटना प्रतिकार दाण्डिक वादों धारा 138 एन.आई. एक्ट, बैंक रिकवरी, श्रमिक वाद, जल एवं गृहकर वाद विद्युत बिल, राजस्व वाद वैवाहिक वाद, भुमि अधिग्रहण वाद व अन्य सिविल वादों का निस्तारण सुलह समझौते एवं संस्वीकृत के आधार पर किया जयेगा।

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