चमत्कार : बुजुर्ग के सीने के आरपार हुई रॉड, जाने डॉक्टरों की टीम ने कैसे बचाई जान…
The news point desk : कानपुर में रोडवेज बस की लोडर से टक्कर हो गई. हादसे में बस में बैठे बुजुर्ग यात्री के सीने से लोहे की रॉड आर-पार हो गई. घटना के बाद बुजुर्ग की हालत देखकर चीख-पुकार मच गई. बुजुर्ग के सीने से खून तेजी से बहने लगा.मौके पर पहुंची पुलिस तुरंत एंबुलेंस से उनको हैलट अस्पताल लेकर पहुंची. वहां आधा दर्जन डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन किया. 3 घंटे चले ऑपरेशन के बाद सरिया के 2 टुकड़े करके बाहर निकाला गया. फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर गई है.
यह पूरी घटना 26 नवंबर यानी रविवार की है. प्रयागराज से उरई जा रही रोडवेज बस में जालौन के रहने वाले अलख प्रकाश (65) सफर कर रहे थे. उन्हें उरई जाना था. शाम 7 बजे कानपुर के विजयनगर चौराहे पर बस लोडर से टकरा गई. तेज झटका लगने से सीट में लगी लोहे की रॉड अलख प्रकाश के सीने से घुसकर पीठ से पीछे की तरफ निकल आई. हादसे के बाद वह चीखने लगे. रॉड सीने में दाहिने तरफ डेढ़ फीट घुस गई.
हैलट अस्पताल में इमरजेंसी केस का पता चला तो डॉ. आरके सिंह की टीम ने वार्ड में पहुंचकर मरीज को चेक किया. इसके बाद उन्होंने खुद टीम के साथ ऑपरेशन करने का फैसला लिया. रात में लोहे के रॉड को काटने के लिए कटर नहीं मिल रहा था. इसके चलते डॉक्टर को काफी इंतजार करना पड़ा. फिर एक घंटे बाद प्लंबर से रॉड को काटने वाला कटर मंगाया गया. रॉड को दो टुकड़ों में करके निकाल गया.
डॉ. आरके सिंह ने बताया कि लोहे की रॉड दाहिने सीने की तरफ घुसी थी. इस कारण हार्ट से रिलेटेड कोई इंजरी नहीं हुई थी. इसी कारण उनकी जान बचाई जा सकी. रॉड की लंबाई लगभग डेढ़ फीट थी. पूरी रॉड आर-पार हो जाने के कारण न तो मरीज लेट पा रहा था न ही वह चलने के काबिल था.
डॉक्टर ने बताया कि जब बुजुर्ग को अस्पताल लाया गया. तब उनकी हालत बेहद नाजुक थी. शरीर से रॉड को निकालना और उसकी जान बचाना दोनों ही बहुत चुनौती भरा था. लेकिन समय रहते ऑपरेशन सफल रहा. मरीज अब ठीक है। डॉक्टरों की जिस 6 सदस्यीय टीम ने ऑपरेशन किया. उनमें डॉ. आरके वर्मा के साथ डॉ. प्रिय शुक्ला, डॉ. प्रेम शंकर, डॉ. नीरज सिंह, डॉ. स्वाती, डॉ. यामिनी राणा, डॉ. अनवर थे.