Blogराष्ट्रीय

पवित्र सोनगढ़ धाम में कानजी स्वामी ने न केवल जैन बल्कि अन्य संप्रदाय के लोगों के जीवन में प्रकाश फैलाया-अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात के भावनगर के सोनगढ़ में श्री आदिनाथ दिगंबर जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव को संबोधित किया

गुजरात

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के भावनगर के सोनगढ़ में श्री आदिनाथ दिगंबर जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव को संबोधित किया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मंडाविया सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि कल ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अयोध्या में लगभग 550 साल से प्रतीक्षित राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान किया। उन्होंने कहा कि पवित्र सोनगढ़ धाम में कानजी स्वामी ने न केवल जैन बल्कि अन्य संप्रदाय के लोगों के जीवन में प्रकाश फैलाया था। उन्होंने कहा कि जीवन में अनेक चीज़ें प्राप्त करने का रास्ता मिलने के बावजूद अगर व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति का रास्ता ना मिले, तो जीवन के अंत में सब अधूरा और अपर्याप्त लगेगा। शाह ने कहा कि सबको मोक्ष नहीं मिल सकता, लेकिन इसे प्राप्त करने के रास्ते की जानकारी और उस पर चलने का प्रयत्न जीवन का कल्याण करने वाला होता है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 19 जनवरी से शुरू हुआ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव 26 जनवरी तक चलेगा और उसी दिन अभिषेक होगा। उन्होंने कहा कि शासन के जिन सिद्धांतों के आधार पर इस तीर्थ को विकसित किया गया है, वही सच्चे अर्थ में कानजी स्वामी को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। शाह ने कहा कि इस पूरे क्षेत्र में कानजी स्वामी के प्रवचन-आचरण और ज्ञान का लाभ कई लोगों को मिला।

अमित शाह ने कहा कि आज पंचकल्याणक में गर्भ कल्याणक, जन्म कल्याणक और दीक्षा कल्याणक की तीन विधियां पूर्ण हुई हैं और अब ज्ञान कल्याणक एवं मोक्ष कल्याणक समाप्त होने के बाद अभिषेक होगा। उन्होंने कहा कि पंचकल्याणक महोत्सव हर प्राणी के जीवन में पांच स्तर की यात्रा को बोध देने वाला है। उन्होंने कहा कि जन्म लेकर जब तक गुरु ना मिले तब तक कैसे जीवन जीना है और जब गुरु मिले तब गुरु के मार्गदर्शन में दीक्षा तक का रास्ता कैसे प्रशस्त हो, यह जन्म कल्याणक बताता है। इसी प्रकार, दीक्षा कल्याणक का विचार यह बताता है कि दीक्षा जीवन से अपना और दूसरों के जीवन का उद्धार कैसे किया जाए। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे धर्म विधि की पूरी प्रक्रिया के मर्म को समझने की कोशिश करें, तभी जीवन कल्याण के रास्ते पर आगे बढ़ सकेंगे।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सिद्ध पुरुष कानजी स्वामी ने अपने तप से इस पवित्र भूमि को सिद्ध किया है और उनका संदेश हमेशा चिरंजीव रहेगा। उन्होंने कहा कि एक तीर्थस्थान बनाने के पीछे लक्ष्य होता है कि भगवान और गुरु के सिद्धांतों को कई सालों तक याद रखा जाए। उन्होंने कहा लगभग एक हजार साल पहले कर्नाटक में प्रतिमा बनी और सोनगढ में उसके एक हजार साल बाद 41 फुट ऊंची, 200 टन वजनी और 50 फुट की कृत्रिम पहाड़ी पर प्रतिमा स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि सोनगढ़ आनेवाले दिनों में गुजरात के आध्यात्मिक केन्द्रों में बड़े महत्व का स्थान बनेगा। श्री शाह ने कहा कि कानजी स्वामी ने अपने जीवन के चार दशकों में 66 दिगंबर जैन मंदिरों और केन्या के नैरोबी में भी एक मंदिर की स्थापना की। कानजी स्वामी के अनुयायियों ने आज यहां एक बहुत बड़ा तीर्थ स्थान बनाने का काम किया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Call Now Button
× How can I help you?