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काशी तमिल संगमम-2 में शामिल होने के लिए तमिल श्रद्धालुओं का चौथा दल “सरस्वती” शनिवार को पहुंचा काशी

तमिल मेहमानों का काशी में हुआ वणक्कम , बनारस स्टेशन पर गूंजा हर हर महादेव का जयघोष, चौथे दल में शामिल है अध्यात्मिक लोग

वाराणसी

काशी तमिल संगमम-2 में शामिल होने के लिए तमिल श्रद्धालुओं का चौथा दल “सरस्वती” शनिवार को काशी पहुंचा।  बनारस की धरती पर उतरते ही दक्षिण भारतीय मेहमानों का ‘वणक्कम काशी’ कहके अभिवादन किया गया। ढोल-नगाड़े की थाप के बीच स्वस्तिवाचन और फूलों की वर्षा से शहर बनारस ने अपने अतिथि देवो भव के भाव से भी परिचित करा दिया।

चौथे दल में शामिल है अध्यात्मिक ग्रुप

काशी तमिल संगमम-2 में शामिल होने पहुंचे चौथै दल में अध्यात्मिक लोग है। काशी पहुंचे सभी डेलिगेट्स को धर्म, सभ्यता, इतिहास के बारे में बताया जायेगा। तीसरा एकेडमिक सत्र 24 दिसंबर को आयोजित होगा। इसमें तमिलनाडु के आध्यात्मिक डेलीगेट्स शिरकत करेंगे। वे मंदिर की कला, संस्कृति और धर्म के बारे में होने वाले संवाद को सुनेंगे और अपने प्रश्न भी करेंगे। इस सत्र के मुख्य वक्ता डॉ. ह्रदयरंजन शर्मा और डॉ. वेंकटरामन घन पाठी होंगे।

मेहमानों के लिए विशेष तैयारी

काशी पहुंचे मेहमानों के लिए विशेष तैयारी की गई हैं। इस यात्रा में मेहमानों को तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश दोनों की कला संस्कृति की झलक दिखाई देगी। इसके आलावा प्रोफेशनल दल काशी विश्वनाथ धाम,काल भैरव मंदिर, सारनाथ, हनुमान घाट, गंगा आरती सहित अन्य स्थानों का भ्रमण करते हुए प्रयागराज और फिर अयोध्या का भी भ्रमण करेंगे।‌


14 दिनों तक दक्षिण भारतीय मेहमानों का आवभगत करेगा काशी


काशी में इन मेहमानों को दक्षिण भारत का खान-पान, रहन-सहन और वेशभूषा के साथ ही वहां के लोग और काशी के लोगों का एक दूसरे के प्रति प्यार और दुलार भी दिखाई देगा, साथ ही ग्रुप में 1500 से ज्यादा डेलिगेट्स बनारस आएंगे। हर ग्रुप में 205 डेलिगेट्स की मौजूदगी होगी।‌  तमिल पंचांग के अनुसार इस बार मार्गली (मार्गशीर्ष) महीने में काशी तमिल संगमम-2 का आयोजन किया गया हैं।‌

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