‘श्रीराम चंद्र कृपालु भजमन’ से हुई दूसरे सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत
नमो घाट पर बीएचयू की प्रोफेसर ने सुनाई पीएम मोदी की कजरी।
काशी की संगीत परंपरा और तमिलनाडु के लोक नृत्यों का हुआ मिलन।
वाराणसी
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज एवं दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र तंजावूर संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित काशी तमिल संगमम के द्वितीय संस्करण का द्वितीय चरण नमोघाट स्थित मुक्ताकाशी प्रांगण में सम्पन्न हुआ जिसमे तमिलनाडु एवं काशी के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से लोगो को विभोर किया। द्वितीय दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत तुलसीदास के भजन ‘श्रीराम चंद्र कृपालु भजमन’ से हुई। नमो घाट पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत एवं मंच कला संकाय की प्रोफेसर संगीता पंडित एवं उनके दल ने अपने स्वरों से गंगा किनारे पूरे माहौल को राम मय कर दिया। संगत में दो साथी तबले की थाप और हारमोनियम के साथ सुर में सुर मिला रहे थे। तुलसीदास के पदों को लयबद्ध रूप में सुन कन्याकुमारी से आए डेलीगेट्स भी चकित हो उठे। इसके बाद प्रोफेसर संगीता पंडित और उनकी टीम ने पंडित हरिराम चतुर्वेदी की रचना ‘लहर-लहर लहराए, गंगा तोरी अमृत धारा’ गाकर दर्शकों का ध्यान मंच और गंगा की लहरों की ओर खींचा। अपनी प्रस्तुति का अंत कजरी से किया। जिसे सुन लोग पवेयिलन पर ही बैठे-बैठे नाचने लगे। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित एक मनमोहक कजरी भी सुनाई। जिसमें उनकी योजनाओं का बखान था।
सागरो दुनिया में डंका बजेला जेनकर मोदी हमार हो ना, अईसन काशी के सांसद कमाल हौ मोदी जी बेमिसाल हो ना। तबले पर डॉ. अभिनव नारायण आचार्य, पंकज राय, हरमोनियम डॉ इंद्रदेव चौधरी और गायकों में अर्पिता भट्टाचार्य, निबेदिता श्याम, कुमारी अल्का थीं।
तमिलनाडु की जनजातीय नृत्य ने किया मोहित
तमिलनाडु से आए कलाकार बी.पुष्पकुमार और उनकी टीम ने कोथ जनजातीय नृत्य की प्रस्तुति देकर काशी के लोगों को भाव विभोर कर दिया। इसके बाद सुद्धांथिरामली और टीम ने टोडा नृत्य पर प्रस्तुत दी। काशी के आनंद कुमार मिश्रा एंड टीम ने वाद्य यत्रों की प्रस्तुति देकर डेलीगेट्स और आम लोगों को झूमने पर विवश कर दिया। पी. सुंदरेशन कृष्णांजलि ने भरतनाट्यम, दिव्या श्रीवास्तव एंड टीम ने लोक नृत्य, जे. विजयकुमार और उनकी टीम ने जिक्कट्टम, एन जीवा राव ने डमी घोड़ा, मोर, बैल, टी विनोद भाराथी ने थपट्टम, एम चेल्लादुरई ने सिवान पार्वती कलियाट्टम पर प्रस्तुति दी। इस दौरान पूरे 2 घंटे तक आम दर्शकों और डेलीगेट्स ने लुत्फ उठाया। बीच-बीच में माहौल काफी आध्यात्मिक भी होता रहा।