जनपद के लिए ऐतिहासिक क्षण केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे करेंगे शुभारंभ।
चन्दौली/बबुरी
सीबीएसई बोर्ड अपने सम्बन्धित विद्यालयों के निर्माण, उत्थान एवं उनकी प्रगति व स्तर में एकरूपता लाने का कार्य करती है और साथ ही उनके लिए नीति नियमों का निर्माण करने का भी कार्य करती है। इस कड़ी में छात्रों के शारीरिक संबर्धन के लिए सी.बी.एस.ई. द्वारा कुल 24 खेलों का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है जिसे तीन स्तरों पर खेला जाता है- क्लस्टर, जौन तथा नेशनल । जिसमें बालक वर्ग सीबीएसई नेशनल वालीबाल प्रतियोगिता-2023 की जिम्मेदारी जनपद चन्दौली के जे एस पब्लिक स्कूल को सौंपी गयी है।
विद्यालय के निदेशक रजनीश सिंह ने बताया कि सीबीएसई नेशनल प्रतियोगिता बालक वर्ग अन्डर-19 जो 16 नवंबर से 19 नवम्बर 2023 तक चलने वाला है, जिसका शुभारम्भ केन्द्रीय मंत्री डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय द्वारा किया जायगा। इसमें अपने भारत देश से 36 टीमें तथा कतर, जेद्दाह, जुवैजा (शरजाह) और कुवैत से कुल चार विदेशी टीमें भाग ले रही हैं। जिसमें कुल लगभग 500 प्रतिभागी व उनके 80 कोच व मैनेजर भी उपस्थित रहेंगे। विद्यालय के निदेशक रजनीश सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है, जो पूरे जनपद में मुझे इस कार्य के लिए चुना गया। हमें नेशनल प्रतियोगिता कराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, इसकी मुझे बड़ी खुशी हैं। उन्होने कहा कि जे एस पब्लिक स्कूल 2012-2013 से प्रारम्भ होकर 2019 में पूर्ण रूप से सीबीएसई द्वारा इन्टर मीडिएट की मान्यता प्राप्त किया और अपने इस छोटे कार्यकाल में ही जनपद के सर्वश्रेष्ठ विद्यालय के रूप में सुशोभित हुआ। लगातार दूसरी बार इस विद्यालय को खेल प्रतियोगिताओं को कराने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। जिसमे यह नेशनल प्रतियोगिता की जिम्मेदारी पहली बार मिली है। विद्यालय के लिए यह बड़े गौरव की बात है। यह पठन-पाठन अनुशासन व खेलकूद में महारथ हासिल कर सीबीएसई में अपनी छवि बनाने में सफल हो रहा है।
कलकत्ता विश्वविद्यालय आयोग ( 1917 1919) के परिणाम स्वरूप देश के विभिन्न भागों में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड बनने लगे थे। भारत की स्कूली शिक्षा का प्रमुख बोर्ड 1952 में सी बी एस ई को बनाया गया। इसके अन्तर्गत अनेको निजी विद्यालय इससे जुड़े हुए है। इसके प्रमुख उद्देश्य शिक्षा संस्थानों को अधिक प्रभावशाली ढंग से लाभ पहुँचाना, उन विद्यार्थियों की शैक्षिक आवश्यकताओं के प्रति उत्तरदायी होना है। असतो मा सद्गमय के ध्येय को लेकर चलने वाली ये संस्थाएं भारत वर्ष में छात्रों के सर्वागिण विकास के लिए तत्पर है। देश-विदेश में चलने वाली संस्थाएं जो सीबीएसई द्वारा संचालित है, उनमें लगभग 29 हजार से अधिक विद्यालय जिनमें लगभग 1049145 अध्यापक अपने अथक परिश्रम व शैक्षणिक गुणवत्ताओं द्वारा लगभग 2.5 करोड़ विद्यार्थियों के भविष्य को सवारने व निखारने में लगे हैं।