किसान इंटर कालेज के प्रबंधक द्वारा किया जा रहा अवैध व्यवसायिक निर्माण व करोडो़ का घोटाला
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राजगढ़:– किसान इंटर कालेज के प्रबंधक प्रमोद कुमार सिंह द्वारा किसान महाविद्यालय वजरिये प्रबंधक सिद्धिनाथ सिंह के नाम दर्ज भूमि पर अवैध रूप से व्यवसायिक निर्माण पिछले 1 वर्षों से कराया जा रहा है,इसकी आड़ मे कालेज की जमीन पर बिना किसी विभागीय स्वीकृति के 5-6 मीटर गहरा मिट्टी व मोरंग का खनन किया गया है जिसमे किसी भी समय बच्चे दुर्घटना के शिकार हो सकते है।
व्यवसायिक भवन अर्थात दुकान के निर्माण के लिए भोली भाली जनता से 5-5 लाख रूपये लेकर 29 वर्ष का किरायनामा किया जा रहा है जबकि प्रबंध समिति का चुनाव हर 5 वर्ष पर किया जाता है। इस पैसे को कालेज के किसी अधीकृत खाते मे नही जमा कराया गया है और ना ही किसी अधीकृत खाते के पैसे से निर्माण कराया जा रहा है।
इसकी शिकायत बिन्दुवार पिछले 1 वर्षों से की जा रही है लेकिन अभी तक संबंधित अधिकारी के द्वारा सही जांच नही की गयी है,अगर कुछ रिपोर्ट भी लगी है तो उसमे पैसे के घोटाले की बात ही नही की गयी है जिससे घोटालेबाज बेखौफ अपनी तिजोरी तेजी से भरता जा रहा है।
बताते चले कि सन् 1956 मे 20 बिघा जमीन भूलन राम दुबे व भूवनेश्वर राम दुबे निवासी कोन भरूहवां राजगढ़ मिर्जापुर के द्वारा निःशुल्क विद्यालय को दान दी गयी थी,इसी अराजी संख्या 368 की भूमि मे से 31-07-2004 को किसान इंटर कालेज के प्रबंधक सिद्धिनाथ सिंह विक्रेता बनकर 13 बिघा 6 विश्वा जमीन किसान महाविद्यालय वजरिए प्रबंधक सिद्धिनाथ सिंह क्रेता को रजिस्ट्री करा ली गयी,इसी विवादित जमीन पर यह व्यवसायिक निर्माण किया जा रहा है,अधिकारियों के द्वारा कोई सही जांच नही की जा रही है जिससे घोटालों के बादशाह के हौसले बुलंद होते जा रहे है।
सन् 2008 मे इसी प्रबंधक द्वारा कालेज के शुल्क के संबंध मे 6 लाख का घोटाला तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक उदयराज द्वारा सिद्ध किया जा चुका है जिस पर इनके उपर FIR दर्ज करने का भी आदेश जारी हो चुका था,इस शिकायत के संबंध मे थाना राजगढ़ द्वारा गहनता से जांच की गयी जिसमे उन्होने दोनो पक्ष से शिकायत के संबंध मे दस्तावेज मांगे,शिकायतकर्ता ने समय से सभी दस्तावेथ उपलब्ध करा दिए लेकिन प्रबंधक के द्वारा कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नही कराया जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि प्रबंधक के पास कोई कागज उपलब्ध नही है और शिकायतकर्ता के सभी आरोप सही सिद्ध हो रहे है।
अगर इस शिकायत की सही जांच जल्द से जल्द नही की जाती है तो ऐसे बहुत प्रबंधक पैदा होते जाएंगे और घोटाला करते जाएंगे जिससे बच्चों का भविष्य खतरे मे पड़ता जाएगा
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