पीडीडीयू
गाड़ी स. 20934 अप (उधना सुपरफास्ट एक्सप्रेस) में दानापुर से डीडीयू जंकशन तक के लिए तैनात मार्गरक्षण दल के द्वारा एक नाबालिक लड़का तथा एक नाबालिग लडकी को संदिग्धावस्था में यात्रा करते हुए पाया गया जिनसे पुछताछ करने पर रोहतास निवासी दोनो नबालिकों ने अपना नाम पता बताते हुए बताया कि वे दोनो एक दूसरे से प्रेम करते हैं और घर से भागकर गोवा जा रहे थे। मार्गरक्षण दल के द्वारा दोनो नबालिकों को आरपीएफ पोस्ट डीडीयू सुपर्द किया गया जहां दोनो को महिला उप निरीक्षक सरिता गुर्जर के द्वारा काउन्सलिंग की गई जिसके दौरान दोनो के द्वारा अपने परिजन का मोबाईल नंबर बताया गया जिसपर संपर्क कर उन्हे उक्त के बाबात इत्तला दिया गया कि वह अपने बच्चों को डीडीयू चाइल्ड लाइन आकर ले जाएं और दोनों नबालिकों को डीडीयू जंक्शन चाइल्ड लाइन को सुपुर्द किया गया। इस तरह आरपीएफ की सजगता से दो घरों के मासूम बच्चे गलत दिशा की ओर जाने से बच गए और दो घर उजड़ने से बचा।आरपीएफ पोस्ट डीडीयू के प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत के अनुसार वरीय अधिकारीयों के निर्देशानुसार आरपीएफ नन्हे फरिश्ते अभियान के तहत घर से भागे, भूले-भटके बच्चों को रेस्क्यू कर उनके माता पिता तक पहुंचाने का कार्य करती है और हर साल ऐसे हजारों बच्चो को उनके घर वापसी कराती है।