
चन्दौली/चहनिया

क्षेत्र के रामगढ़ में अयोध्या से आया प्रभु श्रीराम का पूजित अक्षत आमंत्रण पत्र के साथ भगवान श्रीराम का चित्र घर–घर जाकर वितरण किया गया। 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्रीराम जी के मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा के समय अपने अपने घरों और मंदिरों में राम ध्वज लगाकर दीपक जलाकर भजन कीर्तन करने का भी निमंत्रण दिया। लोगों के घर पर अक्षत पहुंचने से सबके मन में हर्ष व्याप्त है । सभी ने हाथ फैलाकर अक्षत ग्रहण किया।

लाखों बलिदान के बाद बने मंदिर को अपने आंखों से देखना सौभाग्य बताया। कहा की भगवान श्रीराम को बनवास मिला था और उनके काज में निकले अयोध्या जा रहे लाखों भक्तों को कारावास में डाल दिया गया था। भारत के प्रधानमंत्री के द्वारा उसी स्थान पर अयोध्या का सबसे विशाल मंदिर बनाया गया है ।

अयोध्या का यह मंदिर मजहबी असहिष्णुता के विरुद्ध प्रतिकार का प्रमाण है। राम नगरी अयोध्या में चिरपुरातन गौरव पुनः लौट आया है।रामलला के मंदिर में हम लोग रामचंद्र का दर्शन करने जायेंगे । इससे बढ़कर और सौभाग्य की बात क्या होगी। ग्रामीणों का यह भी मानना है की यह केवल राम के जन्मस्थान का मंदिर ही नही अपितु भारत की सनातनी आस्था का उच्चतम शिखर है।इस मौके पर त्रिभुवन सिंह, रामअवतार पांडेय, सुभाष सिंह, अवधेश पांडेय, सुधींद्र पांडेय, प्रभुनाथ पांडेय, मुहम्मद रफीक, अकरम अली, प्रदीप सिंह, विपेंद्र श्रीवास्तव, दिलीप कुमार, रामकृपाल सिंह, सुशांत सिंह, विकाश सिंह, विनय सिंह, राजेश गुप्ता आदि ग्रामीण उपस्थित रहे।